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डिंडौरी. मध्यप्रदेश के डिंडौरी(Dindori) जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister's Housing Scheme) में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। योजना के नाम पर आदिवासियों के पक्के मकान बनाने थे। लेकिन उनकी जगह खप्पर व घास-फूस के मकान बना दिए गए। जब मामले की जांच शुरु हुई तो बड़े अधिकारियों तो सांठ-गांठ कर बच गए लेकिन रोजगार सहायक और ग्राम सचिव पर गाज गिर गई। मकानों में की गई लापरवाही को लेकर जिला कलेक्टर को शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच के बाद सिर्फ एक मकान में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। लेकिन हकीकत तो यह है कि सिर्फ एक दो मकानों ही योजना के मानकों के अनुरुप बने है। आदिवासियों (tribals) ने ग्राम सचिव से लेकर अधिकारियों तक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है।
आदिवासियों से वसूली मोटी रकम
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर डिंडौरी जिले के बैगा बाहुल्य गौरा, कन्हारी गांव (Kanhari Village) में सीमेंट कंक्रीट के पक्के मकान की जगह कच्चे और झोपड़ीनुमा (hut) मकान बना दिए गए। जिनमें मिट्टी की कच्ची दीवारे (mud walls) बना दी गई। पक्की छत के नाम पर बल्लियों की मदद से खप्पर और घास-फूस डाल दी गई है। सरपंच, पंचायत सचिव, वन विभाग के कर्मचारी और रोजगार सहायक पर आरोप है की इनके द्वारा अधिकारियों के नाम पर आदिवासियों से मोटी रकम वसूली गई। और अधिकारियों को खुश करने के लिए हितग्राही (beneficiary) के घर के पले मुर्गा-मुर्गी तक ले गए थे। छोटे लाल बैगा ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए उसे सरपंच और सचिव को पांच-पांच हजार रुपए, रोजगार सहायक (employment assistant) को 3 हजार, फारेस्ट और पंचायत के कर्मचारियों को एक-एक हजार की रिश्वत देनी पड़ी।
सरपंच पति को भी ठगा
वहीं ग्राम सरपंच ललिया बाई के पति बुध सिंह का कहना है कि वह और उसके भाई का नाम योजना के हितग्राही में शामिल है। लेकिन अधिकारियों (officers) ने दोनों को पक्के मकान की जगह कच्चे मकान बना का थमा दिए। उनके मकान में कंक्रीट की जगह खप्पर लगे है। वही उनके भाई प्रेम सिंह के आवास को बिना नींव के ही खड़ा कर दिया गया। दीवार पर सीमेंट रेत (cement sand) की जगह लाल मिट्टी लागा दी। और छत पर खप्पर बिछा दिए सरपंच पति का आरोप है कि किसी दूसरे के मकानों की फोटो जियो टैग (geo tag) कर के कच्चे मकानों की किस्ते जारी कर दी गई। उसके भाई से सचिव ने 30 हजार रुपए की रिश्वत ली थी।
जांच पर उठ रहे सवाल
मामले की जांच में बड़े अधिकारी तो बच गए लेकिन ग्राम सचिव (village secretary) गेंद सिंह परस्ते और रोजगार सहायक को निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। डिंडौरी कलेक्टर(Dindori Collector) रत्नाकर झा का कहना है की मामला सामने आने के बाद जांच कमेटी बनाई गई थी। जांच में दोषी पाए गए ग्राम सचिव और रोजगार सहायक को हया दिया गया हैं। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
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